सूरज हूँ जिंदगी की रमक छोड़ जाऊँगी , मैं डूब
भी गयी तो शफक छोड़ जाऊंगी !
दामिनी ===
मित्रो आज तो दिल बहुत रो रहा है , मै उस दामिनी के लिए
क्या लिखू
जो आज 2.15 रात तक जूझती रही और अंतिम सांस
लिया उसने
आज कुछ लिखने को मेरा हाथ नहीं उठ रहा है क्या बताऊ
आइये इस दामिनी के आत्मा के शांति के लिए हम
प्रार्थना करते है !...
No comments:
Post a Comment