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Friday, January 25, 2013

Happy Republic Day INDIA

Wednesday, January 23, 2013

Thought For Life

Don't limit your challenges
challenge your limits.

i Always  do.......!!!! अमित भडाना

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती


‎"मैं अंग्रेज़ों को देश से निकालना चाहता हूँ। मैं अहिंसा में विश्वास रखता हूँ किन्तु इस रास्ते पर चलकर स्वतंत्रता काफ़ी देर से मिलने की आशा है।"

(नेताजी सुभाष चन्द्र बोस)

आज देश के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जयंती है. ‘’तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा’’ का नारा देने वाले इस अग्रणी महाप्राण को जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करें ... जय हिन्द!! 

अमित भडाना
सहायक प्रबंधक, +91-9045374073
अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड
मेरठ शाखा


Friday, January 18, 2013

भारतीय सैन्य दिवस

"भारतीय सैन्य दिवस" 
देश के जवानों को सलाम, भारत माता की जय, जय हिन्द!!


Saturday, January 5, 2013

मैं एक लड़की हूँ

Sweet Girl....... Best Creation of God.
‘थोड़ी अलग हूं मैं

मुझे दिखाई देती है
दुनियां की खूबसूरती
हर चुनौती में दिखाई देते हैं,
कई मौके
अच्छा लगता है कुछ नया करना,
खुश रहना
जिंदगी को खुल कर जीना
क्योंकि मैं अतीत नहीं, भविष्य हूं।’


लड़कियां अब भी परिवार का बोझ मानी जाती हैं

Must Read

एक बेटा पढ़-लिख कर बहुत बड़ा आदमी बन गया । पिता के स्वर्गवास के बाद माँ ने हर तरह का काम करके उसे इस काबिल बना दिया था । शादी के बाद पत्नी को माँ से शिकायत रहने लगी के वो उन के स्टेटस मे फिट नहीं है । लोगों को बताने मे उन्हेंसंकोच होता की ये अनपढ़ उनकी माँ-सास है। बात बढ़ने पर बेटे ने एक दिन माँ से कहा-
" माँ_मै चाहता हूँ कि मै अब इस काबिल होगया हूँ कि कोई भी क़र्ज़ अदा कर सकता हूँ । मै और तुम दोनों सुखी रहें इसलिए आज तुम मुझ पर किये गए अब तक के सारे खर्च सूद और व्याज के साथ मिला कर बता दो । मै वो अदा कर दूंगा । फिर हम अलग-अलग सुखी रहेंगे ।
माँ ने सोच कर उत्तर दिया -
"बेटा_हिसाब ज़रा लम्बा है ,सोच कर बताना पडेगा। मुझे थोडा वक्त चाहिए ।"
बेटे ना कहा - " माँ _कोई ज़ल्दी नहीं है।
दो-चार दिनों मे बात देना ।"
रात हुई, सब सो गए । माँ ने एक लोटे मे पानी लिया और बेटे के कमरे मे आई । बेटा जहाँ सो रहा था उसके एक ओर पानी डाल दिया । बेटे ने करवट ले ली । माँ ने दूसरी ओर भी पानी डाल दिया। बेटे ने जिसओर भी करवट ली_माँ उसी ओर पानी डालती रही तब परेशान होकर बेटा उठ कर खीज कर बोला कि माँ ये क्या है ? मेरे पूरे बिस्तर को पानी-पानी क्यूँ कर डाला...?
माँ बोली-
" बेटा, तुने मुझसे पूरी ज़िन्दगी का हिसाब बनानें को कहा था । मै अभी ये हिसाब लगा रही थी कि मैंने कितनी रातें तेरे बचपन मे तेरे बिस्तर गीला कर देने से जागते हुए काटीं हैं । ये तो पहली रात है ओर तू अभी से घबरा गया ...? मैंने अभी हिसाब तो शुरू भी नहीं किया है जिसेतू अदा कर पाए।"
माँ कि इस बात ने बेटे के ह्रदय को झगझोड़ के रख दिया । फिर वो रात उसने सोचने मे ही गुज़ार दी । उसे ये अहसास हो गया था कि माँ का क़र्ज़ आजीवन नहीं उतरा जा सकता । माँ अगर शीतल छाया है पिता बरगद है जिसके नीचे बेटा उन्मुक्त भाव से जीवन बिताता है । माता अगर अपनी संतान के लिए हर दुःख उठाने कोतैयार रहती है तो पिता सारे जीवन उन्हें पीता ही रहता है ।
माँ बाप का क़र्ज़ कभी अदा नहीं किया जासकता । हम तो बस उनके किये गए कार्यों को आगे बढ़ा कर अपने हित मे काम कर रहे हैं ।
आखिर हमें भी तो अपने बच्चों से वही चाहिए ना ...?