यह कौन सी " दुनिया " का कानून है ???
अभी हाल फिलहाल में आप सभी ने ये खबर अवश्य ही पढ़ी होगी या देखी सुनी होगी ... " Rakesh, the sarpanch of Hayatpur village, was shot dead by four men over an alleged water dispute in Gurgaon on the ouskirts of Delhi. The victim was rushed to a nearby hospital where he was declared brought dead. Following the incident, enraged villagers nabbed one of the alleged assailants and thrashed him. They poured petrol over him and set him afire, police said, adding that he died on the spot... " सक्षेप में ... गुस्साएं लोगो ने सरपंच के एक हत्यारे को सरेआम पेट्रोल डाल कर जिन्दा जला दिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी ...
यहाँ पर एक बात मै स्पष्ट कर दू कि ... मुझे उक्त केस के हालातों के बारे में कोई खास जानकारी नही है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और असलियत क्या है ? पर मौत तो " मौत " है ... दोनों मौतों से मुझे दुःख हुआ क्योकि दोनों के इस दुनिया से जाने पर उनके परिवार वालो को अथाह दुःख पंहुचा होगा / यहाँ पर एक चिंता का विषय था ... लोगो का ' कानून ' को अपने हाथ में लेना और सरेआम दोषी व्यक्ति को ' सजा ' देना / इसमें कोई दो राय नही है कि ... मृतक के परिवार वाले तथा अन्य गांववाले अपने प्रिय सरपंच कि हत्या से ' आक्रोश ' में होंगे ... पर उन्होंने भी मिलकर एक और जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया / इस आम जनाक्रोश के क्या कारण थे ... ये तो स्थानीय लोग ही बेहतर बता सकते हैं / पर यह घटना एक बात की तरफ तो इशारा करती है ही कि ... लोगो का हमारी वर्तमान ' कानून व्यवस्था ' में विश्वास डगमगा रहा है / लेकिन फिर भी ... कानून को अपने हाथो में लेना ... समाजहित में नही लगता / क्योकि इस तरह की घटनाओ से समाज/देश में अराजकता व्याप्त हो सकती है / आप क्या सोचते है इस विषय में ... कृपया अपने विचार रखे .... धन्यवाद /
अभी हाल फिलहाल में आप सभी ने ये खबर अवश्य ही पढ़ी होगी या देखी सुनी होगी ... " Rakesh, the sarpanch of Hayatpur village, was shot dead by four men over an alleged water dispute in Gurgaon on the ouskirts of Delhi. The victim was rushed to a nearby hospital where he was declared brought dead. Following the incident, enraged villagers nabbed one of the alleged assailants and thrashed him. They poured petrol over him and set him afire, police said, adding that he died on the spot... " सक्षेप में ... गुस्साएं लोगो ने सरपंच के एक हत्यारे को सरेआम पेट्रोल डाल कर जिन्दा जला दिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी ...
यहाँ पर एक बात मै स्पष्ट कर दू कि ... मुझे उक्त केस के हालातों के बारे में कोई खास जानकारी नही है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और असलियत क्या है ? पर मौत तो " मौत " है ... दोनों मौतों से मुझे दुःख हुआ क्योकि दोनों के इस दुनिया से जाने पर उनके परिवार वालो को अथाह दुःख पंहुचा होगा / यहाँ पर एक चिंता का विषय था ... लोगो का ' कानून ' को अपने हाथ में लेना और सरेआम दोषी व्यक्ति को ' सजा ' देना / इसमें कोई दो राय नही है कि ... मृतक के परिवार वाले तथा अन्य गांववाले अपने प्रिय सरपंच कि हत्या से ' आक्रोश ' में होंगे ... पर उन्होंने भी मिलकर एक और जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया / इस आम जनाक्रोश के क्या कारण थे ... ये तो स्थानीय लोग ही बेहतर बता सकते हैं / पर यह घटना एक बात की तरफ तो इशारा करती है ही कि ... लोगो का हमारी वर्तमान ' कानून व्यवस्था ' में विश्वास डगमगा रहा है / लेकिन फिर भी ... कानून को अपने हाथो में लेना ... समाजहित में नही लगता / क्योकि इस तरह की घटनाओ से समाज/देश में अराजकता व्याप्त हो सकती है / आप क्या सोचते है इस विषय में ... कृपया अपने विचार रखे .... धन्यवाद /
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